तमाम उम्र साथ ही रहे ज़ख्मों के निशाँ
राहतें बक्श के मिट गए मरहमों के निशाँ
मसल रहा था जब इक फूल अपने पाँव तले
दिखे थे खार पर भी आपके लबों के निशाँ
बताएं क्या कि क्या मिला निगाह मिलने से
देख रुख़्सार पर हैं मीठे पानियों के निशाँ
हज़ार दफा सुना आपका वो एक लफ्ज़
मेरे हाथों में आपकी हथेलियों के निशाँ
वही परवाज़ जिनकी उफ़क़ और फ़लक तुम हो
छोड़ जाते हैं हवाओं पे भी परों के निशाँ
आपको ना-"क़ुबूल" करके हर दफा खोया
तलाश लेते हैं फिर आपके कदमों के निशाँ
खार - thorn, उफ़क़ - horizon, फ़लक - sky
राहतें बक्श के मिट गए मरहमों के निशाँ
मसल रहा था जब इक फूल अपने पाँव तले
दिखे थे खार पर भी आपके लबों के निशाँ
बताएं क्या कि क्या मिला निगाह मिलने से
देख रुख़्सार पर हैं मीठे पानियों के निशाँ
हज़ार दफा सुना आपका वो एक लफ्ज़
मेरे हाथों में आपकी हथेलियों के निशाँ
वही परवाज़ जिनकी उफ़क़ और फ़लक तुम हो
छोड़ जाते हैं हवाओं पे भी परों के निशाँ
आपको ना-"क़ुबूल" करके हर दफा खोया
तलाश लेते हैं फिर आपके कदमों के निशाँ
खार - thorn, उफ़क़ - horizon, फ़लक - sky