है भीड़ ख्यालों की लेकिन लहर-ए-अल्फाज़ आहिस्ता है
दुनिया का शोर-ओ-गुल है पर मेरी आवाज़ आहिस्ता है
क्यूँ सूरज धीरे जलता है, क्यूँ रात पिघलती है धीरे
क्यूँ बारिश में भीगी बूंदों की भी रफ़्तार आहिस्ता है
परसों के जैसा ही कल था, और आज भी कल के जैसा है
कल तो तेज़ी से गुज़रा था, जाने क्यूँ आज आहिस्ता है
जो चाँद फ़क़त दो हफ्ते में कामिल हो जाया करता था
रुकता बढ़ता, बढ़ता रुकता, चुपचाप बड़ा आहिस्ता है
तेरी आवाजें बहती हैं, मेरे ही घर में रहती हैं
सुनते हैं बुनते हैं ग़ज़लें, दो-चार अश'आर आहिस्ता हैं
दिखता है दिल को जब सुकून, डर भी मिलने आ जाता है
जिसके सदके ये दोनों हैं, तेरी वो बात आहिस्ता है
जब तेरे दर पर है "कुबूल", मेरी आँखों का हर सपना
जगने की क्यूँ बेचैनी है, क्यूँ लगती रात आहिस्ता है
लहर-ए-अल्फाज़ - Flow of words, अश'आर - (plural of ) couplet
दुनिया का शोर-ओ-गुल है पर मेरी आवाज़ आहिस्ता है
क्यूँ सूरज धीरे जलता है, क्यूँ रात पिघलती है धीरे
क्यूँ बारिश में भीगी बूंदों की भी रफ़्तार आहिस्ता है
परसों के जैसा ही कल था, और आज भी कल के जैसा है
कल तो तेज़ी से गुज़रा था, जाने क्यूँ आज आहिस्ता है
जो चाँद फ़क़त दो हफ्ते में कामिल हो जाया करता था
रुकता बढ़ता, बढ़ता रुकता, चुपचाप बड़ा आहिस्ता है
तेरी आवाजें बहती हैं, मेरे ही घर में रहती हैं
सुनते हैं बुनते हैं ग़ज़लें, दो-चार अश'आर आहिस्ता हैं
दिखता है दिल को जब सुकून, डर भी मिलने आ जाता है
जिसके सदके ये दोनों हैं, तेरी वो बात आहिस्ता है
जब तेरे दर पर है "कुबूल", मेरी आँखों का हर सपना
जगने की क्यूँ बेचैनी है, क्यूँ लगती रात आहिस्ता है
लहर-ए-अल्फाज़ - Flow of words, अश'आर - (plural of ) couplet
5 comments:
verry nice
Waiting for "Very verry Nice" :D
Thanks Mangu and Bish
very verry nice. Too good.
sahi hai :)
Awesome !!
-Shahzeb
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