फिर से उन्ही अदाओं की ज़ंजीर मुझे दे
फिर तेरे फ़ज़ल से बनी तासीर मुझे दे
हँसते हुए थी तूने कभी मुझपे अयाँ की
मखमल में रखी मेरी वो तकदीर मुझे दे
क्या खो गया कि इस क़दर मस्कीन मैं हुआ
कुछ तो सुराग मेरे अहल-ए-पीर मुझे दे
आँखों को बंद करने की सब कोशिशें नाकाम
क्या जाने कब दीदार मेरी हीर मुझे दे
बे-इख्तियार न हो मेरा हाथ फिर कभी
ना कभी ऐसी दानिश-ए-शरीर मुझे दे
ये नज़र आरज़ू में आज फिर से है उठी
इस आरज़ू को बना के तस्वीर मुझे दे
कि फ़क़त तख़ल्लुस में न मौजूद हो खुदा
कर पाऊं सब कुबूल वो ज़मीर मुझे दे
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फ़ज़ल - Good attribute / goodwill, तासीर - Nature, अयाँ - Bestow, मस्कीन - Poor, अहल-ए-पीर - Highest prophet, बे-इख्तियार - Out of control, दानिश-ए-शरीर - Disobedient wisdom, फ़क़त - only, तख़ल्लुस - Pen name.
फिर तेरे फ़ज़ल से बनी तासीर मुझे दे
हँसते हुए थी तूने कभी मुझपे अयाँ की
मखमल में रखी मेरी वो तकदीर मुझे दे
क्या खो गया कि इस क़दर मस्कीन मैं हुआ
कुछ तो सुराग मेरे अहल-ए-पीर मुझे दे
आँखों को बंद करने की सब कोशिशें नाकाम
क्या जाने कब दीदार मेरी हीर मुझे दे
बे-इख्तियार न हो मेरा हाथ फिर कभी
ना कभी ऐसी दानिश-ए-शरीर मुझे दे
ये नज़र आरज़ू में आज फिर से है उठी
इस आरज़ू को बना के तस्वीर मुझे दे
कि फ़क़त तख़ल्लुस में न मौजूद हो खुदा
कर पाऊं सब कुबूल वो ज़मीर मुझे दे
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फ़ज़ल - Good attribute / goodwill, तासीर - Nature, अयाँ - Bestow, मस्कीन - Poor, अहल-ए-पीर - Highest prophet, बे-इख्तियार - Out of control, दानिश-ए-शरीर - Disobedient wisdom, फ़क़त - only, तख़ल्लुस - Pen name.
2 comments:
Wonderful..
pura to samajh mein nahi aaya .. par shabdo in gehrai dekh ke aesa lagta hai ki bahut acha hai
btw regular reads mein blog ka link galat hai its http://zemann.blogspot.com/
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